Friday, August 12, 2011

जीवन हर पल एक कविता है !!


स्रष्टि के कण कण में कविता है
जीवन के हर पल में कविता है
ना कोई सरहद ना कोई दीवार
हर ह्रदय में भरता बस प्यार
अवनि अम्बर तल में कविता है!!

ह्रदय की वेदना में
चंचल मन की चेतना में
जन्म के उल्लास में
मृत्य के अवसाद में
संगीत के हर गान में
जीवन के हर प्राण में
छिपी एक कविता है !!

जीवन के आशा में परिभाषा में
दुःख की घनघोर निराशा में
मधुशाला में मधुप्याला में
बचपन की पाठशाला में
जीवन हर पल एक कविता है
सुख दुःख की सरिता है
हाँ !जीवन एक कविता है !!

जीवन रिश्तों की माला है
भरती सुख दुःख का प्याला है
पी लो जितनी पीनी हो
जीवन कविता की हाला है
कविता एक मधुशाला है
प्रेम सिखाती ह्रदय मिलाती
तेरा जीवन बीत ना जाये
योगी मन कविता तुम्हे बुलाये
जीवन हर पल एक कविता है !!

यह कविता क्यों ? कविता हर तन मन जीवन में मिलती है जो जीवन का अवलोचन करती है और अंततः मृत्यु का विमोचन भी ! सम्पूर्ण जीवन ही एक कविता है! जीवन की कविता को पदें डूब जाएँ और खुद एक कविता बन जाएँ क्योंकि कविता ना केवल ह्रदय के तार खोलती है बल्कि ह्रदय के वेदना को चेतना में बदलती है

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